*फुर्सत से कभी फुर्सत निकाल कर तो देखो ।
शान-ए-अवध मे शाम गुजार कर तो देखो ।
हम भी लौट आने का होसला रखते हैं ।
तुम कभी दिल से पुकार कर तो देखो ।।
सीमा राजपूत
२० जुलाई २०१२
शान-ए-अवध मे शाम गुजार कर तो देखो ।
हम भी लौट आने का होसला रखते हैं ।
तुम कभी दिल से पुकार कर तो देखो ।।
सीमा राजपूत
२० जुलाई २०१२
No comments:
Post a Comment