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2011


* आईने में चेहरा किसको अपना दिखता है,
इन आँखों में बस इक सपना दिखता है|
अश्क जो आँखों में बसे तेरी,
आईना फिर क्या देख पाओगे ,
ढूनोगे उसकी सूरत उसमे ,
तो अक्स अपना ही पाओगे|
27 april 2011


* नशा इश्क का ऐसा ही होता है ,,,,,,आदमी कभी हस्ता है रोता है |
गिरके संभलना कौन चाहेगा ,,,,,जिनको ज़मी पे गुलिस्तान दिखता है ||
14 may 2011

* जिन्हें प्यार करते हैं,उन्हें भुलाया नहीं करते |
अपने चाहने वालों को यूँ रुलाया नहीं करते ||
धड़कन और काजल बनाकर जिनको चाहा |
इलज़ाम लगाकर यूँ इज़हार-ए-मोह्हब्बत नहीं करते ||
14 may 2011


* प्यार ना कर सको मुझसे, तो झगड़ा ही कर लो |
कमसेकम तेरे मेरे बीच में ,कोई रिश्ता तो बन जायेगा ||

17 may 2011

*वो कहते हैं कि मैं तेरा नहीं ,मुझसे प्यार मत करना  |
साथ ही हमें किसी और का होते हुए भी नहीं देख सकते ||
09 June 2011

*मोहब्बत कि हमने हदसे जादा ,
इंतज़ार भी किया वक़्त से जादा ,
भरोसा भी किया खुदसे जादा,
पर उस बेवफा ने रुला भी दिया हकसे जादा||
09 June 2011
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*हाँ, जिक्र उनका महफ़िल में सुबह शाम होता है,
हर शख्स कि जुबान पे उनका नाम होता है,
हम भी लेलेते हैं नाम उनका चुपके से ,
क्यूंकि, यारों ये इश्क बड़ा बदनाम होता है ||*

*आह भरो या करदो कतल ,
आजकल का प्यार बड़ा महंगा है,
और चर्चा भी नहीं होता |
और सच तो ये है ,कि
सच्चे प्यार में कोई खर्चा नहीं होता ||*

*गौरसे देखो तो सही ,
इन हातों की लकीरों में किसी का तो नाम होगा |
ज़िन्दगी इतनी भी बेवफा तो नहीं ,कुछ तो ज़रूर दिया होगा ||*

*बाद मुद्दत के इस दिल को करार आया |
तेरे ख्याल में ही सही ,मेरा ख्याल तो आया ||*
1 July 2011

*निगाहें झुक जाएँगी तो हम पढेंगे कैसे |
कायनात रुक जाएगी तो हम मिलेंगे कैसे ||
तेरी ख़ामोशी ही हार बात कह जाती है |
पर इतना खामोश रहे तो हम जियेंगे कैसे ||*
3 July 2011

*हम मुस्कुराएँ उन्हेँ देखकर कि उन्हेँ गम ना हो |
और उन्होंने समझा कि हमारा हाल अच्छा है || ♥

* तू ही बता ,जिउं तो जिउं कैसे ?
तेरे बिन जो खालीपन है ,
उसे भरून तो भरून कैसे ?*
4 July 2011

*बचपन बीता जिन गलियों में ,
हम दोबारा ना आ पाए वहां |
कभी हमारा भी
आशियाँ हुआ करता था यहाँ || ♥
6 July

*तेरी यादें दिल से नहीं जातीं ,
हार रोज़ चली आतीं हैं |
सोचा कि सोयें तो चैन आये ,
पर
अब नींद किस कमबख्त को आती है ||♥
7 July

*Jo har rat sapne dikhakar hame sulate they.
Ab unhe bin hamare neend bhi aane lagi :->
7 July

*unka dil itna bada tha ki,humare siwa jane kitno jagah mili.
Hum khamkha hi unhe chote dil ka samjhe,aur in ankho se aansu baraste rahe.
9 July

*यूँ तो रोज रोज वो हमें सताते हैं ,
दिल तोडके मेरा मुस्कुराते हैं |
चले जायेंगे बहुत उनसे कहदो ,
सुना हैं
जाने के बाद लोग बहुत याद आते हैं ||♥
10 July
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*कह जाना दो बातें मुझसे ,
जल्दी क्या है ,फिर चले जाना |
कुछ अपनी कहना कुछ मेरी सुनना ,
जल्दी क्या है ,फिर चले जाना |

...कुछ कही अनकही बाते हैं,
उलझन को सुलझाते हैं ,
कहाँ फिर तुम जल्दी आते हो ,
जल्दी क्या है ,फिर चले जाना |

वो जो बरसों से प्यासी हैं ,
मेरी इन अखियों में उदासी है ,
अपनी खातिर ही रुक जाओ ,
जल्दी क्या है ,फिर चले जाना |"सीमा राजपूत "


* अपनी नींद और मेरी नींद,दोनों लेके सो जाते हो |
कितने ज़ालिम हो ,मेरी रातों को खाली कर जाते हो ||"सीमा राजपूत "

15 JUly 2011
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* कौन साथ देता मुश्किलों मैं भला |
साया भी साथ छोड़ देता हैं अंधेरों मैं ||
एक गम ही तो अपना है दोस्तों |
वरना ,अँधेरा भी तो खो जाता है सवेरों में ||"सीमा राजपूत "
2011 July 18 at 2:00pm

*तेरी आगोश में सर रखके सो जाऊं ,
सुना है मौत गहरी नींद सुलाती है |
ये कमबख्त जान है कि निकलती नहीं ,
शायद ज़िन्दगी के इम्तिहान अभी बाकी हैं |"सीमा राजपूत "
2011 July 19 at 1:14am

*नज़र से नज़र मिले तो नज़रें चार होती हैं |
दिल से दिल मिले तो दो दिल एक होते हैं ||"सीमा राजपूत "
2011 July 20 at 7:34pm


*जिन्हें डूबने का डर हो ,वो सहारा ढूंडा करते हैं |
पर, जो प्यार में डूबा,वो बस किनारा ढूंडा करते हैं ||"सीमा राजपूत "
2011 July 20 at 9:40pm

*मुझे पत्थर-दिल कहने वाले से जाके कहदो ज़रा |
पत्थर-दिल होने के लिए दिल तो होना चाहिए ||"सीमा राजपूत "
2011 July 23 at 2:44pm


*जख्म तो भरते हैं धीरे -धीरे,भुलाने की जरुरत नहीं पड़ती |
जो अपने होते हैं उन्हें, बुलाने की जरुरत नहीं पड़ती ||"सीमा राजपूत "
2011 July 28 at 1:00pm

*तू याद करे ना करे तेरी मुश्किल ,
तुझे याद करना मज़बूरी है मेरी |"सीमा राजपूत "
2011 July 29 at 12:44pm

*ये इश्क भी बड़ा कम्बक्ख्त है,
हर हाल में रोना पड़ता है |
जब बेवफाई का दर्द था,तभ भी रोता था,
अब जो फिर से मोहब्बत हो गयी,
तो जुदाई में रोना पड़ता है ||"सीमा राजपूत "
2011 July 31 at 12:52am



*मोहब्बत ना करो तो कोई बात नहीं |
गिले-शिकवों का बहाना ढूँढ़ते रहना ||
गली से मेरी ना गुजरो कोई बात नहीं ,
ख्वाबों में मगर मुझे ढूँढ़ते रहना ||सीमा राजपूत
Wednesday at 12:32am

*आपके चाहने वाले हाल आपका बताते नही |
मोहब्बत है आपसे फिर भी जताते नहीं ||
हम तो बात आपकी करने में भी शरमाते नहीं |
वो बेदर्द हैं जो कुछ भी बताते नहीं ||
हम यूँही आपकी यादों का खज़ाना लुटाते नहीं |
......अफसाने तो बन जाते हैं हम बनाते नहीं ||
वो तो मेरे दर्द का कतरा-कतरा लूट लेते हैं |
आपकी कोई बात ज़रा भी बताते नहीं ||सीमा राजपूत ♥

Wednesday at 2:20pm

*हम भूलके भी तुझे भूल ना सके ,
और तुम्हे तो हम्हे याद रखना भी याद ना रहा |सीमा राजपूत
2011 August 25 at 12:55am
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*तुझे कभी मेरे दर्द का दर्द भी नहीं हुआ |
पर मुझे तेरे हर एहसास का एहसास है ||सीमा राजपूत ♥
2011 September 3 at 12:44am


* तेरा टूटकर भिखर जाना ही मेरे लिए हादसा है |
अब और किसी हादसे से डर नहीं लगता ||सीमा राजपूत ♥
September 13 at 3:59pm



*मेरे घर की खिड़की से चाँद नज़र आता है ,
एक प्यारा सा अहसास छू जाता है |
एक वो भी है जिसकी ख्वाहिश इस दिल को रहती है,
पर वो है के दूज के चाँद से भी काम नज़र आता है ||सीमा राजपूत
September 13 at 9:32pm


* प्यार मोहब्बत से लूटा जिसने भी ,लूट लिया |
वरना हमे कोई लूट ले ,ऐसा तो ज़माने में दम नहीं ||सीमा राजपूत

*दिल कि किताब में रक्खा उसको फूलों कि तरह,
कि उसकी खुशब भी ना उड़ने पाए |
पर वो तो था इस बादल कि तरह ,
हवा के साथ उड़ गया ना रोक पाए ||सीमा राजपूत



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