*दिल को दुखाने का वो कोई बहाना नहीं छोड़ते ।
और दिल को समझाने का हम कभी इरादा नहीं छोड़ते ।।
छोड़ भी जाते वो कोई मीठी याद अपनी,तो हम भी ।
उन यादों के सहारे उन्हें भुलाना नहीं छोड़ते ।।
शिकवे गिले तो पल पल की बात हो जैसे ।
कैसे कहूँ की वो मोहब्बत का इशारा नहीं करते ।।
दिल दरिया है जिसका वो समेटे हैं समुन्दर सारा ।
बदनसीबी है कि वो तस्सवुर हमारा नहीं करते ।।
अब कर भी दो, तुम, बस, एक वादा आखिरी ।
मरकर जलने के बाद पीछे से पुकारा नहीं करते ।।
सीमा राजपूत
१३ जुलाई 2012
और दिल को समझाने का हम कभी इरादा नहीं छोड़ते ।।
छोड़ भी जाते वो कोई मीठी याद अपनी,तो हम भी ।
उन यादों के सहारे उन्हें भुलाना नहीं छोड़ते ।।
शिकवे गिले तो पल पल की बात हो जैसे ।
कैसे कहूँ की वो मोहब्बत का इशारा नहीं करते ।।
दिल दरिया है जिसका वो समेटे हैं समुन्दर सारा ।
बदनसीबी है कि वो तस्सवुर हमारा नहीं करते ।।
अब कर भी दो, तुम, बस, एक वादा आखिरी ।
मरकर जलने के बाद पीछे से पुकारा नहीं करते ।।
सीमा राजपूत
१३ जुलाई 2012
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