सीमा राजपूत "परी"
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Tuesday, 10 April 2012
*अगर फुरसत के लम्हों में याद किया तो क्या याद किया |
हम तो हर एक सांस से पहले तुम्हे याद करते हैं ||
ये जानकर भी की तुम अब कितने दूर हो चुके हो |
फिर भी हर वक़्त बस मिलने की फ़रियाद करते हैं ||सीमा राजपूत
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