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Sunday, 16 September 2012


न उसकी कैद अच्छी ,
न उसकी रिहाई अच्छी  है "परी" ।
कैद में दम खुटता है,
और रिहाई में  दम निकलता है।।
                सीमा राजपूत "परी"
                 १५ सितम्बर २०१२

1 comment:

  1. वाह बहुत खूब....प्रेम कैद ऐसी ही होती है।

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