*अगर फुरसत के लम्हों में याद किया तो क्या याद किया |
हम तो हर एक सांस से पहले तुम्हे याद करते हैं ||
ये जानकर भी की तुम अब कितने दूर हो चुके हो |
फिर भी हर वक़्त बस मिलने की फ़रियाद करते हैं ||सीमा राजपूत
Tuesday, 3 April 2012
*उसने वादा किया वादा निभाने का ...
फिरसे वादा तोड़ दिया ...
हमने तो वादे पे उसके करना भरोसा ,,,
न जाने कबसे छोड़ दिया...सीमा राजपूत