*दुःख में कोई साथ नहीं देता ,
ये तो दर्द सारे ज़माने का है |
दर्द उनसे पूछो जिनको खुशियाँ
भी अकेले मनानी पड़ती हैं ||सीमा राजपूत
Tuesday, 27 March 2012
*ये आँसू बेवजह ही ,किसी की याद में बहाया करते हैं ,
जिन्हें हम भूलकर भी कहाँ याद आया करते हैं ,
रूठ जाते हैं अक्सर वो मेरे रूठ जाने के साथ ,
फिर कहाँ वो हमें मनाया करते हैं ||सीमा राजपूत
Tuesday, 13 March 2012
*तुम क्या बताओगे मेरा पता,
पता तो कहीं लापता हो गया है |
हमतो खुदही डूबे हैं ,गम के आंसूओ में ,
अब मेरा पता तो सारा जहाँ हो गया है
||सीमा राजपूत
Monday, 12 March 2012
*हमको भी कहाँ नींद आती है,
तेरी खातिर ही जगा करते हैं ,
ना जाने कब तेरी नींद खुल जाये
और हम सो रहे हों ? सीमा राजपूत